ज्ञान का स्रोत और मार्गदर्शक हैं वेद-डा.कृष्णगोपाल

हरिद्वार। कनखल सन्यास मार्ग स्थित श्री सूरत गिरि बंगला में महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन एवं वेदस्थली शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन के दूसरे दिन का शुभारंभ सूरत गिरि बंगला के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज के सानिध्य में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय सह कार्यवाह डा.कृष्णगोपाल व प्रो.विरूपाक्ष वी.जडडीपाल, प्रो.गोपाल प्रसाद शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय सह कार्यवाह डॉ कृष्णगोपाल ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वेद मानवता के लिए ज्ञान राशि के स्रोत हैं, वेद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एकं सद् विप्रा बहुधा वदंति और परमात्मा परम तत्व परब्रह्मा एक है। इसको अनेक प्रकार से वर्णित किया जा सकता है। वेद हमारे ज्ञान का स्रोत है और हमारे मार्गदर्शक हैं। हमें वेदों का अध्ययन करना चाहिए और संपूर्ण जीवन मूल्य वेद से प्राप्त होते हैं। वेद से संपूर्ण विश्व में भारत की प्रतिष्ठा है। सम्मेलन की अध्यक्षता प्रो. विरूपाक्ष वी. जडडीपाल व संचालन डा.दामोदर परगाई ने किया। सम्मेलन संयोजक सतीश जैन, विभोर विद्याकुल, विनय शास्त्री, डा.अरूण मिश्रा ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए बताया कि सम्मेलन में महाराष्ट्र गुजरात मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश उत्तराखंड दिल्ली हरियाणा के साथ विभिन्न प्रांतों से वेद पाठियो ने प्रतिभाग कर प्रस्तुतीकरण किया। इस अवसर पर राहुल पाठक, अमित पाठक ,शिवपूजन, उमंग गिरि, कमलानंद गिरि सहित सैकड़ों वेद पाठी गणमान्य उपस्थित रहे।

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