रुड़की। पेपर लीक के मामले में रुड़की शहर भी बदनाम है। पूर्व की परीक्षाओं में नकल कराने एवं पेपर लीक कराने के मामले में दो कोचिंग सेंटर संचालक जेल गए। इसमें से एक के कोचिंग सेंटर पर ताला लटका है तो दूसरे ने कोचिंग सेंटर का नाम ही बदल दिया।
वर्ष 2018 में रुड़की शहर उस समय चर्चाओं में आया जब यहां के एक कोचिंग सेंटर के 67 अभ्यर्थी ऊर्जा निगम में बतौर अवर अभियंता चयनित हो गए। मामला संदेहास्पद होने पर तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक रावत ने कोचिंग सेंटर पर छापा मारते हुए कुछ दस्तावेज को कब्जे में लिया था। इसके बाद छानबीन की गई, हालांकि तब इस बात की पूरी चर्चा थी कि कोई न कोई गड़बड़ी की गई है। लेकिन, कोई खास कार्रवाई नहीं हो सकी।
फिर से चर्चाओं में रुड़की शहर
इसके बाद पिछले साल हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बाद रुड़की शहर फिर से चर्चाओं में आया। नकल कराने के आरोप में भाजपा के मंडल अध्यक्ष व ग्राम प्रधान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि भाजपा ने मंडल अध्यक्ष को पद से हटा दिया था। इसके अलावा नारसन में भी एक कोचिंग सेंटर संचालक पकड़ा गया। तब से यह कोचिंग सेंटर बंद पड़ा हुआ है।
वहीं, रुड़की से जेल गए एक कोचिंग सेंटर संचालक ने तो जमानत पर आने के बाद कोचिंग सेंटर का नाम ही बदल दिया। शनिवार को पुलिस ने तमाम कोचिंग सेंटर संचालकों के यहां जाकर छानबीन की, लेकिन कुछ नहीं मिला था। इसके अलावा अभी भी खुफिया विभाग, पुलिस एवं अन्य जांच एजेंसी लगातार जांच पड़ताल में जुटी है।