हरिद्वार में लापरवाही के आरोप में 3 अधिकारियों को नोटिस, 2 का वेतन रोकने का आदेश

हरिद्वार। जनसुनवाई में मिली शिकायतों पर सुस्ती दिखाना अफसरों को भारी पड़ गया। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने तीन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस थमाया, जबकि दो कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश दिए। सोमवार को जिला कार्यालय सभागार में आयोजित जनसुनवाई में विभिन्न विभागों से जुड़ी 66 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 31 का निस्तारण मौके पर किया गया। वहीं, शेष शिकायतों को संबंधित विभागों को तत्काल कार्रवाई के लिए भेजा गया।

जनसुनवाई में भूमि विवाद, अतिक्रमण, जलभराव, पेयजल, विद्युत, खेल मैदान, भवन निर्माण, विवाह के लिए सहायता और सस्ते गल्ले की दुकानों में गड़बड़ी आदि समस्याएं रखी गई। डीएम दीक्षित ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि जनता की शिकायतों का समयबद्ध समाधान अनिवार्य है, लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सीएम पोर्टल की समीक्षा के दौरान शिकायतों के निस्तारण में ढिलाई बरतने पर खंड शिक्षा अधिकारी भगवानपुर, नारसन और अधिशासी अभियंता यूपीसीएल लक्सर को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। साथ ही ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर और शिकायत प्रकोष्ठ के सहायक का सितंबर माह का वेतन रोकने के आदेश दिए गए, क्योंकि दोनों ने सीएम हेल्पलाइन संबंधी बैठक कार्यवृत्त आनलाइन अपलोड नहीं किया था।

डीएम ने एआरटीओ को निर्देश दिए कि दोपहिया वाहनों पर शत-प्रतिशत हेलमेट पहनना सुनिश्चित कराएं और ओवरस्पीडिंग पर कड़ी कार्रवाई करें। ईओ शिवालिक नगर को नियमानुसार अतिक्रमण हटाने और डीएसओ को सस्ते गल्ले की दुकानों पर गड़बड़ी पाए जाने पर एफआइआर दर्ज करने को कहा।

सीएम स्वरोजगार योजना की समीक्षा करते हुए डीएम ने बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी लोन आवेदन को रिजेक्ट करने पर ठोस कारण लिखित में दर्ज करें और समय पर पोर्टल पर अपडेट करें, ताकि पेंडेंसी न बढ़े। बैठक में अपर जिलाधिकारी पीआर चौहान, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, एचआरडीए सचिव मनीष कुमार, एसडीएम जितेंद्र कुमार, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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