नशे की लत के कारण हुई थी शफीक की हत्या

हरिद्वार:  खड़ंजा कुतुबपुर गांव निवासी शफीक की हत्या नशे की लत के कारण हुई थी। नशा करने को लेकर उसका अपने दोस्त के साथ विवाद हुआ था। जिस पर नशे की हालत में दोस्त ने गला घोटकर शफीक को मौत के घाट उतार दिया और शव को कूड़े में छिपाकर गांव से फरार हो गया था। पुलिस ने हत्यारोपित को गिरफ्तार कर वारदात का पर्दाफाश कर दिया है।   सीओ लक्सर निहारिका सेमवाल ने बताया कि कोतवाली क्षेत्र के खड़ंजा कुतुबपुर गांव निवासी शफीक 25 मार्च को घर से निकला था।
इसके बाद वह घर वापस नहीं लौटा। स्वजन ने उसकी सभी जगह तलाश की। लेकिन, उसका कहीं कोई सुराग नहीं लग सका। जिस पर स्वजन ने गुमशुदगी दर्ज कराई।  चार दिन पूर्व 13 अप्रैल को गांव के बाहर एक गड्ढे से शफीक का क्षत विक्षत शव बरामद हुआ था। शफीक की पत्नी अफसाना ने गांव के ही सादिक समेत अफजल, सनोवर, इकबाल उर्फ बाल्ला तीन भाइयों पर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने गुमशुदगी को हत्या में तरमीम कर नए एंगल से जांच की। मंगलवार रात पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर आरोपित सादिक को गांव के बाहर से गिरफ्तार कर लिया। कोतवाली लाकर की गई पूछताछ में उसने बताया कि वह शफीक के साथ मजदूरी करता था। दोनों दोस्त थे तथा नशे के आदी थे। 25 मार्च की शाम को दोनों शराब लेने जा रहे थे, लेकिन शफीक स्मैक पीने की जिद कर रहा था। जबकि वह शराब पीना चाहता था। इसी बात को लेकर उनके बीच बहस हो गई।
मामला इतना बढ़ गया कि नशे की हालत में उसने साफे से गला घोटकर शफीक की हत्या कर दी। इसके बाद शव को कचरे के गड्ढे में छिपा दिया। पुलिस ने हत्यारोपित सादिक निवासी खड़ंजा कुतुबपुर के कब्जे से घटना में प्रयुक्त साफा बरामद कर लिया है। वारदात का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम में सीओ निहारिका सेमवाल, लक्सर कोतवाल राजीव रौथान, वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनोज गैरोला, उपनिरीक्षक दीपक चौधरी, कांस्टेबल रियाज अली व टीकम सिंह शामिल रहे।

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