हरिद्वार: गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में दो दिवसीय गंगा दशहरा और गायत्री जयंती महापर्व का शुभारंभ शनिवार को अखण्ड जप के साथ किया गया। गायत्री मंदिर में राष्ट्र की प्रगति तथा सनातन संस्कृति के विस्तार के लिए प्रातः साढ़े चार बजे से अखंड जप का शुभारंभ हुआ। अखंड जप चौबीस घंटे तक चलेगा, जिसमें कई हजार गायत्री साधक भाग ले रहे हैं। मुख्य सभागार में डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने देश-विदेश से आए साधकों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि इंसान का कर्म ऐसा हो, जिससे वह गर्भ के साथ चले। गायत्री महामंत्र का मनोयोगपूर्वक नियमित जप-साधना मनुष्य को सदैव ऊपर उठाता है। उन्होंने कहा कि यह समय आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने गायत्री, गंगा, सरस्वती, वैष्णवी, शांभवी, सावित्री सहित 12 मातृशक्तियों के अनुदान-वरदान प्राप्त करने के साथ जीवनोत्कर्ष पर विस्तार से जानकारी दी।
वरिष्ठ कार्यकर्त्ता डॉ. ओपी शर्मा एवं कार्यक्रम विभाग समन्वयक श्याम बिहारी दुबे ने अखिल विश्व गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी वर्ष 2026 की कार्य योजनाओं में अभी से जुट आने का आह्वान किया। इस मौके पर शिवप्रसाद मिश्र, योगेन्द्र गिरि सहित बड़ी संख्या में गायत्री परिवार के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।