हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज की महिला मंडल प्रमुख शैफाली पंड्या ने कहा कि आत्मीयता का विस्तार ही गायत्री परिवार की धुरी है। यह बातें उन्होंने शांतिकुंज में तीन दिवसीय नारी जागरण संगोष्ठी शिविर के समापन पर कहीं। शिविर में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों से चयनित सैकड़ों बहनों ने भाग लिया और सामाजिक नेतृत्व के लिए प्रेरणा ली।
समापन सत्र में संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने कहा कि नारी जागरण समाज के नैतिक और आध्यात्मिक पुनर्निर्माण की नींव है। जब एक नारी शिक्षित, जागरूक और आत्मनिर्भर होती है, तब वह पूरे समाज को दिशा देती है। शैफाली पंड्या ने कहा कि युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी शर्मा ने सम्पूर्ण मानवता में प्रेम और आत्मीयता फैलाने का जो कार्य किया, उसे अब गांव-गांव तक पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि हर जनपद में देव परिवारों की स्थापना की आवश्यकता है, जो सौहार्दपूर्ण वातावरण, संस्कार और आत्मीयता से भरपूर हो। इससे पूर्व युवा प्रकोष्ठ समन्वयक केदार प्रसाद दुबे ने कहा कि यदि नारी सशक्त होती है तो समाज और राष्ट्र स्वतः सशक्त बनता है। दीनाबेन त्रिवेदी ने इसे नारी चेतना का जन आंदोलन बताया। शिविर में ‘नारी जागरण का उद्देश्य, ‘देव परिवार निर्माण अभियान, ‘रचनात्मक कार्यक्रमों में सहभागिता, ‘जन्मशताब्दी वर्ष जैसे विषयों पर व्याख्यान और समूह चर्चाएं हुईं। शिविर के महिलाओं ने उत्साह के साथ मशाल यात्रा निकाली। नारी चेतना और समाज जागरण के नारों से वातावरण गूंज उठा।