हरिद्वार। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की अनुवादित आर्ष ग्रंथ यूरोप के प्रतिष्ठित विल्यिनस विश्वविद्यालय, लिथुआनिया में स्थापित किया गया। यह पहला मौका है जब किसी यूरोपियन विवि में आर्षग्रंथों की स्थापना हुई।
आर्ष ग्रंथों की स्थापना होने से विवि के युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार होगा और अध्ययन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को भारतीय संस्कृति एवं जीवन मूल्यों को समझने में आसानी होगी।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि आर्ष ग्रंथों के अध्ययन से युवाओं को सही राह चुनने में सहायता मिलेगी और यह सकारात्मक जीवन जीने के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब किसी यूरोपियन विवि में भारतीय आर्षग्रंथों की स्थापना हुई हो।